Friday, 25 February 2022

Holiरंगों का त्यौहार

होली के एक दिन पहले लोग रात को होलिका जलाते हैं जिसमें वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका (जलाने की लकड़ी) जलती है. उसके अगले दिन दुलेंडी मनाई जाती है. दुलेंडी को सभी एक-दूसरे पर गुलाल बरसाते हैं तथा पिचकारियों से गीले रंग लगाते हैं. पारंपरिक रूप से केवल प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से निर्मित रंगों का प्रयोग होता है, परंतु आज कल कृत्रिम रंगों ने इनका स्थान ले लिया है. आजकल तो लोग जिस किसी के साथ भी शरारत या मजाक करना चाहते हैं, उसी पर रंगीले झाग रंगों से भरे गुब्बारे मारते हैं. प्रेम से भरे यह नारंगी, लाल, हरे, नीले, बैंगनी तथा काले रंग सभी के मन से कटुता वैमनस्य को धो देते हैं तथा सामुदायिक मेल-जोल को बढ़ाते हैं. इस दिन सभी के घर पकवान मिष्टान बनते हैं. लोग एक-दूसरे के घर जाकर गले मिलते हैं और पकवान खाते हैं.

 160px-Holi-Holigate-Mathura-8गुझियों की मिठास

 मिठाइयां होली का त्यौहार विशेषता हैं. होली पर भारत में विशेष रुप से गुझियां बनाने की परंपरा है. गुझिया एक बेहद मीठी और स्वादिष्ट मिठाई होती है.

 गुझियों के साथ होली के दिन ठंडाई पीना भी कई जगह रिवाज में शामिल है. ठंडाई एक शीतल पेय है जिसे दूध, भांग, बादाम मिलाकर बनाया जाता है. हालांकि होली के रंग में कई बार ठंडाई रंग में भंग का काम कर देता है क्योंकि ठंड़ाई में जो भांग होती है वह एक तरह का नशीला पदार्थ होता है.

 होली का त्यौहार हमें एकता और हंसी खुशी रहने का संदेश देता है. होली में मस्ती तो की जाती है लेकिन वह मस्ती अश्लीलता से दूर होती है. आज के समय में होली की हुड़दंग को युवाओं ने अश्लीलता से भरकर रख दिया है. केमिकल कलर और गुब्बारों ने पर्व की महिमा को कम किया है तो होली के दिन विशेष रुप से शराब पीना लोगों का कल्चर सा बन गया है. होली एक धार्मिक पर्व है जो हमें खुश होने का एक मौका देता है. इसे ऐसा ना बनाएं कि किसी की खुशी छिन जाए.

 होली को सुरक्षित और इस अंदाज से मनाएं कि देखने वाले देखते ही रह जाएं. अपनी होली को रंगीन बनाएं और प्राकृतिक रंगों से सराबोर कर दें.

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